नेशनल हेराल्ड मामला और सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप
सोनिया गांधी और राहुल गांधी को दिल्ली की एक अदालत ने समन भेजा है। नेशनल हेराल्ड अखबार केस में सुब्रह्मणयम स्वामी की याचिका पर ये समन भेजा गया है। ये केस नेशनल हेराल्ड अखबार के कब्जे से जुड़ा हुआ है। स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस के पैसे से नेशनल हेराल्ड को एक नई कंपनी बनाकर खरीदा गया।
क्या है नेशनल हेराल्ड मामला
- नेशनल हेराल्ड की स्थापना देश के पहले प्रधानमंत्री पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने 1938 में की थी। 2008 में समाचार पत्र बंद हो गया था। ये कंपनी नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज़ का प्रकाशन करती थी| यंग इंडियन नामक निजी कंपनी ने नेशनल हेराल्ड की संपत्ति का अधिग्रहण कर लिया। भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी इस मामले को कोर्ट में लेकर चले गए। सोनिया गांधी और राहुल गांधी यंग इंडियन कंपनी में निदेशक हैं।
- सोनिया गांधी और राहुल गांधी के कंपनी में 76 फीसदी शेयर हैं।
- अन्य शेयर कांग्रेस नेता मोतीलाल वोरा और ऑस्कर फर्नाडिस के हैं। स्वामी ने कहा कि यह विश्वासघात का गंभीर मामला है।
- अगर सोनिया गांधी दोषी पाई गई तो उन्हें सात साल की जेल हो सकती है। उन्हें ट्रायल का सामना करना होगा। उन्हें बतौर आरोपी समन भेजा गया है। उनके खिलाफ प्रथम दृष्ट्या सबूत हैं।
क्या हैं सुब्रमण्यम स्वामी के आरोप?
- सुब्रमण्डयम स्वामी का आरोप है कि एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड का अधिग्रहण करने के लिए कांग्रेस के नेताओं ने यंग इंडियन कंपनी को बिना ब्याज के ऋण दिया।
- नेशनल हेराल्ड का मालिकाना हक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड के पास था। स्वामी का आरोप है कि यंग इंडियन ने एसोसिएट जर्नल्स की 500 करोड़ रूपए की संपत्ति हड़पने की अनुमति दी। इसके लिए ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के 90 करोड़ रूपए के फंड का इस्तेमाल किया गया।
- स्वामी ने सोनिया गांधी और राहुल गांधी पर फर्जी कंपनी चलाने और सरकारी सुविधाओं का दुरूपयोग करने का आरोप लगाया। स्वामी ने मामले की जांच सीबीआई से कराने की मांग की थी। स्वामी का आरोप है कि सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने सरकारी फर्म को निजी कंपनी में तब्दील करवा दिया और 1,600 करोड़ रूपए की प्रोपर्टी हड़प ली।
- स्वामी के मुताबिक एसोसिएट जर्नल्स लिमिटेड के पास नेशनल हेराल्ड और कौमी आवाज समाचार पत्र का मालिकाना हक है। इस कंपनी की उत्तर प्रदेश और दिल्ली में बेशकीमती प्रोपर्टी है। स्वामी का कहना है कि यंग इंडियन की डील फर्जी थी। इसमें कई कानूनों का उल्लंघन हुआ है।
- 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी ने सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी पर निशाना साधा था और नेशनल हेराल्ड वाली कंपनी के अधिग्रहण पर सवाल खड़े किये थे और कहा था कि इस कंपनी को कांग्रेस ने 90 करोड़ से ज्यादा का ऋण दिया था|
- स्वामी ने कहा कि एसोसिएट जर्नल्स को अखिल भारतीय कांग्रेस समिति से बिना प्रतिभूति के 90 करोड़ रुपये से ज्यादा का ऋण मिला और उनका दावा है कि आयकर अधिनियम के तहत यह अवैध है क्योंकि राजनैतिक पार्टियाँ व्यावसायिक उद्देश्यों के लिए ऋण नहीं दे सकतीं|
- आयकर अधिनियम की धारा 13ए और आरपीए की धारा 29ए में राजनीतिक दलों को किसी कंपनी को बिना ब्याज या ब्याज के साथ कर्ज देने का कोई प्रावधान नहीं है।’
- कांग्रेस पार्टी की ओर से 90 करोड़ का बिना जमानत का कर्ज दिया गया था, जबकि कानूनन कोई पार्टी किसी कंपनी को कर्ज नहीं दे सकती
- स्वामी का आरोप है कि कांग्रेस के कारण यंग इंडियन ने बोर्ड में प्रस्ताव लाकर सिर्फ 50 लाख रुपये में ऋण खत्म कर दिया और एसोसिएट जर्नल को शेयरों के हस्तांतरण के जरिये यंग इंडिया को बेच दिया जो अखबार या पत्रिका बेचने वाली कंपनी नहीं है|
- सुब्रमण्यम स्वामी का आरोप है कि सोनिया और राहुल ने सेक्शन 25 के तहत एक कंपनी की शुरुआत की थी जिसे यंग इंडिया नाम दिया गया| इनमे सोनिया गाँधी और राहुल गाँधी का शेयर 38-38 फीसदी था|
- स्वामी के मुताबिक ‘यंग इंडिया’ नाम की कंपनी बना कर न सिर्फ दिल्ली, लखनऊ और उत्तर प्रदेश के अन्य शहरों में अखबार के लिए सस्ती दर पर उपलब्ध करवाई गई जमीन पर कब्जा कर लिया, बल्कि इस दौरान कई कानूनों का भी जम कर उल्लंघन किया।
- राहुल गांधी की कंपनी ने दिल्ली के आइटीओ के पास अखबार चलाने के लिए दी गई कीमती जमीन पर बने ‘हेराल्ड हाउस’ को किराए पर दे दिया। जिस पर तत्कालीन विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने इसी बिल्डिंग में पासपोर्ट सेवा केंद्र का उद्घाटन किया, जिसके लिए नई कंपनी को सरकार मोटा किराया दे रही है।
- इस कंपनी ने रजिस्ट्रार को दी गई जानकारी में माना है कि कंपनी के शेयर धारकों की बैठक सोनिया गांधी के सरकारी आवास दस जनपथ में हुई। जबकि कानूनन सरकारी आवास का काम किसी व्यावसायिक काम के लिए नहीं किया जा सकता।
कांग्रेस की ओऱ से क्या था जवाब
- नंवबर 2012 में सुब्रमण्यम स्वामी के आरोपों का जवाब देते हुए कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि हमारे लिए राजनीतिक विचारधारा क्या है यह सिर्फ हम तय करेंगे.
- कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जनार्दन दिवेदी ने कांग्रेस के राजनीतिक इतिहास की याद दिलाते हुए कहा था कि प. जवाहर लाल नेहरू एक साधारण नेता नहीं थे.
- दिवेदी ने कहा कि एसोसिएट प्रेस नेशनल हेराल्ड अखबार ने नेहरू और गांधी की विचारधारा को आगे बढ़ाने का काम किया है. और कांग्रेस ने हमेशा एसोसिएट प्रेस की मदद की है.
- कांग्रेस का कहना था कि हेराल्ड के बेरोजगार हो रहे कर्मचारियों की मदद करके कांग्रेस ने अपने राजनीतिक धर्म का निर्वहन किया.
- कांग्रेस ने स्वामी के आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि कांग्रेस ने जिस समय हेराल्ड ग्रुप की मदद किया उस समय वह घोर संकट के दौर से गुजर रही थी.
- उस समय उसके 300 कर्मचारी सिर्फ दिल्ली से, 300 कर्मचारी लखनऊ और कुल मिलाकर इससे 700 कर्मचारी बेरोजगार हो रहे थे. ऐसे में कांग्रेस ने उन्हें 90 करोड़ का लोन देकर अपने राजनीतिक धर्म का निर्वहन किया है.
- सोनिया गांधी और राहुल गांधी द्वारा नई कंपनी यंग इंडिया बनाने और एसोसिएटेड जर्नल का अधिग्रहण करने के सवाल पर कांग्रेस का कहना था कि, ‘इस प्रकार की धारणा बनाई जा रही है कि यंग इंडिया ने द एसोसिएटेड जर्नल को अधिग्रहित किया और अब यह वाणिज्यिक उद्यम बनेगा।’ उन्होंने कहा, ‘एसोसिएटेड जर्नल का अस्तित्व समाप्त नहीं हुआ है।
- यंग इंडिया को केवल इसकी हिस्सेदारी मिली है। कोई भी संगठन तब तक अपना अस्तित्व बनाए रख सकता है जब तब वह अपने उद्देश्यों को पूरा करता है।’
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