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अखिलेश सरकार मुजफ्फरनगर दंगों के कारण चौतरफा आलोचनाओं से घिरी है लेकिन सपा के सरकार आते ही जिस तरह से राज्य की कानून व्यवस्था बिगड गयी हैं उस पर सवाल उठाना लाजमी है.राज्य में सपा की सरकार आने से औसतन हर महीने 2 से ज्यादा दंगे हुए है..लेकिन इसके लिए कहीं ना कहीं सरकार की मुस्लिम तुष्टीकरण की नीति कहें या वोट बैंक की राजनीति कहें वो जिम्मेदार है. नजर डालते हैं अखिलेश की कुछ नितियों पर- • जुलाई 2013- उत्तर प्रदेश शासन ने निर्देश दिया कि कम से कम थानों पर हर हाल में दो मुस्लिम सिपाही तैनात रहने चाहिए। उत्तर प्रदेश की अखिलेश सरकार ने तय किया कि सूबे के हर थाने पर कम से कम दो मुस्लिम कांस्टेबल तैनात किए जाएंगे। सरकार की दलील है कि ऐसा करने के पीछे उसकी मंशा है थानों पर अल्पसंख्यकों की पूरी सुनवाई हो सके। सपा के पास इस वक्त 40 मुस्लिम विधायक हैं, जबकि प्रदेश में मुस्लिम विधायकों की कुल संख्या 63 है। • जून 2013- सपा सरकार ने 2007 में लखनऊ, फैजाबाद और वाराणसी में हुए श्रृंखलाबद्ध बम विस्फोट में शामिल 16 आरोपियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने की घोषणा की थी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने यूपी की अखिलेश सरकार को तगड़ा झटका देते हुए प्रदेश में कई जगहों पर हुए बम विस्फोट में शामिल आरोपियों के खिलाफ मुकदमा वापस लेने के फैसले पर रोक लगा दी है • मई 2013- बरेली और मुरादाबाद जिलों में मुस्लिम वोट बैंक को प्रभावित करने के लिए अखिलेश सरकार ने एक प्रमुख धर्म गुरू को सलाहकार के रूप में न्यूक्त कर एक राज्यमंत्री के बराबर का दर्जा दिया। • मई 2013- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केन्द्र सरकार से मुसलमानों को आरक्षण देने के लिए संसद में संविधान संशोधन विधेयक लाने की मांग की। और उसे समाजवादी पार्टी (एसपी) की ओर से पूर्ण समर्थन दिए जाने का भरोसा दिलाया।. • मार्च 2013- दो गुटों की आपसी रंजिश में मारे गये मुस्लिम डीएसपी के परिवारी जनों को दो नौकरी तथा 50 लाख दिए। वहीं दूसरी तरफ सीमा पर शत्रु से लड़ते अपना सिर गवाने वाले हिन्दू सिपाही के परिवार वालों को सिर्फ 20 लाख रुपये दिए। • मार्च 2013- उत्तर प्रदेश सरकार ने साफ किया कि मुस्लिम लड़कियों की तरह निर्धन हिंदू लड़कियों को अनुदान देने की कोई योजना नहीं है। उत्तर प्रदेश सरकार ‘हमारी बेटी उसका कल’ योजना के तहत मुस्लिम लड़कियों को तीस हजार रुपये का अनुदान उच्च शिक्षा के तहत देती है। अनुसूचित जाति, जनजाति और सामान्य वर्ग में गरीब लड़कियों की शादी के लिए दस हजार रुपये दिये जाते है। • मार्च 2013-अल्पसंख्यक कल्याण की योजनाओं के लिए वर्ष 2012-13 के बजट में वित्तमंत्री/मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 2,074Û11 करोड़ रूपए की व्यवस्था प्रस्तावित की है जो वर्ष 2011-12 की तुलना में 81 प्रतिशत अधिक थी। • मार्च 2013- समाजवादी पार्टी ने कहा वो कि उर्दू जुबान और मदरसों की चिंता करती है तथा प्रदेश में सत्तारुढ़ सपा सरकार कब्रिस्तानों की सुरक्षा के लिए चारदीवारी बनाने, मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में पढ़ाई और शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए जरूरी उपाय किए हैं। • दिसंबर 2012- समाजवादी पार्टी ने दावा किया कि अखिलेश यादव सरकार मुस्लिम हितों पर कोई आंच नहीं आने देगी। सपा प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने सरकार का हवाला देकर कहा कि प्रदेश में गठित सभी सरकारी आयोगों, परिषदों और समितियों में अल्पसंख्यक वर्ग के प्रतिनिधित्व के लिए सदस्य नामित किए जाएंगे। चौधरी ने कहा कि केंद्र की काग्रेस सरकार ने जहां सच्चर कमेटी की सिफारिशों को नजरदांज कर रखा है वहीं प्रदेश में सपा सरकार ने मुस्लिमों की शैक्षिक, आर्थिक तथा सामाजिक स्थितियों में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। प्रदेश सरकार ने शिक्षकों की भर्ती शुरू करने का जो निर्णय किया है उससे मोअल्लिम-ए-उर्दू डिग्रीधारकों को भी फायदा होगा। अब इस डिग्री के धारक प्राथमिक विद्यालयों में सहायक अध्यापक उर्दू के पदों पर नियुक्त किए जाएगें। इनको टीईटी की बाध्यता नहीं होगी। इसी तरह इनकी आयु सीमा में भी काफी ढील दी गई हैमुस्लिम छात्राओं को आगे की पढ़ाई तथा शादी के लिए 30 हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।मुस्लिम छात्राओं को आगे की पढ़ाई तथा शादी के लिए 30 हजार रुपए का अनुदान दिया जा रहा है।
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